1. त्रिभुज का क्षेत्रफल ( Δ ABC में)
त्रिभुज का क्षेत्रफल
(Δ) =1/2 bc sinA= 1/2 casinB = 1/2 absinC
Δ = a2 sinB sin C/ 2sin(B+C)
= C2sinA sin B / 2sin (A+B )
= b2sinC sin A / 2sin (C+ A)
Δ = √ s(s-a) (S-b) (s-c)
जहॉ
s =1/2 (a+b+c)=त्रिभुज की अर्ध्द- परिमाप
2. किसी दिए हुए त्रिभुज सम्बन्धित वृत्तो
किसी ज्ञात त्रिभुज से सम्बन्धित तीन प्रकार सकते हैः
(A) परिवृत्त (circum circle ):
वह वृत्त जो दिये गये त्रिभुज ABC के तीनो शीर्षो A, B और C से होकर जाये, दिये गये त्रिभुज का परिवृत्त कहलाता है और इसकी त्रिज्या को परिवृत्त की त्रिज्या कहते हैं । इसे R से प्रदर्शित करते हैं ।
R= a/ 2sinA = b/ 2sinB
= c /sinc = abc / 4Δ
जहॉ Δ त्रिभुज का क्षेत्रफल है।
(B) अन्तः वृत्त ( Incircle) :-
वह वृत्त त्रिभुज ABC के अन्दर से उसकी तीनों भुजाओें a,bऔर c को स्पर्श करता हुआ जाये, त्रिभुज का अन्तः वृत्त कहलाता है। इसकी त्रिज्या को अन्तः वृत्त की त्रिज्या कहते हैं, से प्रदर्शित करते हैं।
(i) r = Δ/ s
(ii) r = (s-a)tan A/2 = (s-b) tan B/2 = (s-c) tanC/2
(iii) r = asinB/2sinC/2/cosA/2 = bsinA/2sinC/2 /cos B/2
= csinA/2sinB/2/cosC/2
(ⅵ) r = 4R sin A/2 sinB/2 sinC/2
(C) बाहृावृत्त (Escribed circle):-
वह वृत्त जो दिये गयेΔABC की किसी एक भुजा को बाहर से तथा शेष दो भुजाओं के बढे हुए भाग को स्पर्श करे, त्रिभुज का बाहृावृत्त कहलाता है। वृत्त की त्रिज्यायें क्रमशःr1,r2,और r3 व्दारा प्रदर्शित की जाती हैं।
(i) r1 = Δ/ (s-c) , r2 = Δ / (s-b) , r3 = Δ / (s-c) .
(ii) r1 = s tanA/2 , r2 = s tan B/2 , r3 = s tan C/2
(iii) r1 = a cos B/2cos C/2 /cos A/2,
r2 = b cos C/2 cos A/2/cosB/2
r3 = c cos A /2 cos B/2 / cos C/2
(ⅵ) r1 = 4R sin A/2 cos B/2 cos C/2
r2 = 4R sin B/2 cos C/ 2 cos A/2
r3 = 4sin C/2 cos A/2 cos B/2
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